200 Hour Yoga Teacher Training Kya Hai? | Yoga Teacher Training Hindi

योगा टीचर ट्रेनिंग : – योगा टीचर ट्रेनिंग एक योगा सर्टिफिकेट कोर्स है। जिसके माध्यम से योग में जाने के इच्छुक लोग योग सीखते है और शिक्षक बनते हैं। यह कोर्स 200 घण्टे और उसके बाद 300 घण्टे का होता है । इस कोर्स को करने के बाद व्यक्ति योग पढ़ा सकता है । Yoga … Read more

गणेश चतुर्थी 2022 में कब है, गणेश चतुर्थी क्यों और कैसे मनाया जाता है, इसका महत्व ?

गणेश चतुर्थी का अर्थ:- गणेश चतुर्थी हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है प्रमुख । गणेश चतुर्थी भारत में कई जगहों पर त्योहार मनाया जाता है। लेकिन कुछ जगहो पर इसे बढे ही धूम धाम के साथ घर घर मनाया जाता है जिसमे प्रमुख रूप से मुंबई महाराष्ट्र है । महाराष्ट्र के अलावा गणेश … Read more

ध्यान और धारणा में अंतर | Dhaarana Aur Dhyaan Mein Antar

ध्यान और धारणा में अंतर ध्यान की परिभाषा – “तत्र प्रत्ययैकतानता ध्यानम” जहां चित्त को लगाया जाए, उसी में वृत्ति का एक तार चलना ध्यान कहलाता है। जिस ध्येय वस्तु में चित्त को लगाया जाए उसी में वृत्ति का एकतार चलना एवं चित्त का एकाग्र हो जाना ध्यान है। अर्थात एक ही तरह की वृत्ति … Read more

हठयोग

हठयोग की परिभाषा – ह और ठ से मिलकर हठ शब्द की उत्पत्ति हुई है यह सूर्य और चंद्र नाडियों के नाम से भी जाने जाते हैं ह का अर्थ है सूर्य नाड़ी व ठ अर्थ चंद्र नाड़ी जिन्हें टावर पिंगला भी कहते हैं। हकार सूर्य स्वर और ठकान से चंद्र स्वर चलते हैं सूर्य … Read more

बंध और मुद्रा

बंध – बंध का अर्थ होता है बांधना, रोकना या संकुचित करना । इस क्रिया के द्वारा किसी अंग विशेष को बांधकर आने जाने वाली संवेदनाओ को रोक कर लक्ष्य विशेष की ओर भेजना बंध है। मानसिक एवं आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करने के लिए बंधो का विशेष महत्व है। स्वात्माराम जी ने हठ प्रदीपिका में … Read more

बालों को झड़ने से रोके इस आयुर्वेदिक सस्ते और प्राकृतिक तरीके का प्रयोग करके

बालों को झड़ने से रोके सस्ते और प्राकृतिक तरीके से:- क्या आप भी झड़ते हुए बालों से परेशान हैं क्या आपके बाल भी हर दिन झड़ते हैं और आप तरह-तरह के शेम्पू का प्रयोग कर चुके हैं और अब आपकी समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें ? दरअसल जिन शैंपू का इस्तेमाल … Read more

शिव संहिता

शिव संहिता शिव तत्व को प्राप्त करने वाली संहिता है। शिव संहिता में 5 अध्याय का वर्णन किया गया है। प्रथम अध्याय = लय प्रकरण द्वितीय अध्याय= तत्वज्ञान तृतीय अध्याय= योगाभ्यास नाड़ी शोधन चतुर्थ अध्याय= मुद्राएं पंचम अध्याय = चतुर्थ विद्य योग शिव संहिता में शतचक्र की अवधारणा है। शिव संहिता में 4 आसन बताए … Read more

समाधि

समाधि:- समाधि की स्थिति में मनुष्य आत्मज्ञान या आत्मसाक्षात्कार प्राप्त करता है। तब उसका भी यही अर्थ होता है कि अंत तक ध्यान अवस्था तक केवल अपने भीतर के अशुद्ध तत्वों को शुद्ध करने तथा कर्मों को निर्मूल करने का प्रयास चल रहा है और इस प्रयास के क्रम में, जब हम ऐसी अवस्था को … Read more

कुण्डलिनी

कुंडलिनी योग (शक्ति)हठयोग परंपरा में कुंडलिनी शब्द सर्वाधिक महत्वपूर्ण है । योग साधना का मुख्य उद्देश्य कुंडलिनी शक्ति है। जिसके जागरण द्वारा साधक उच्च स्थिति को प्राप्त करता है। कुंडलिनी शक्ति की उत्पति दो प्रकार से कही गयी है। कुंडले अस्यास्त इति कुंडलिनी अर्थात -वाम (इड़ा) चंद्र नाड़ी दक्षिण ( पिंगला) सूर्य नाड़ी इन दो … Read more

नादानुसंधान

नादानुसंधान योग साधना में मन के लाभ का सर्वोत्तम साधन नादानुसंधान माना गया है। नाद की उत्पत्ति स्थान मणिपुर चक्र माना गया है। नाद का सामान्य अर्थ ध्वनि तरंगों से किया गया है। यह ध्वनि तरंगे शरीर के भीतर की तरंगे हैं, जिन्हें योगी महसूस करता है। आदि गुरु शंकराचार्य अपने ध्वनि को नाद के … Read more