लोग आसन और व्यायाम में अंतर स्पष्ट नहीं कर पाते और वह दोनों को एक ही समझने लगते हैं लेकिन इन दोनों में बहुत अंतर है । व्यायाम एक प्रकार से शारीरिक एक्सरसाइज है जिसमें केवल शरीर का व्यायाम होता है लेकिन योग के आसन न केवल शारीरिक बल्कि यह मानसिक तौर पर भी हमें लाभ प्रदान करता है एवं विचारों पर भी योगासनों का गहरा प्रभाव पड़ता है ।
योग और व्यायाम में अंतर
आसन और व्यायाम में कुछ महत्वपूर्ण अंतर निम्नलिखित हैं ।
- आसनों के अभ्यास से शरीर में लचीलापन आता है। जबकि व्यायाम द्वारा शरीर में कड़ापन आता है।
- आसनों का अभ्यास श्वास और प्रश्वास की क्रिया के साथ किया जाता है । व्यायाम को श्वास और प्रश्वास की क्रिया के साथ नहीं किया जाता है।
- आसन ना सिर्फ हमें शारीरिक तौर पर मजबूत करता है बल्कि मानसिक और भावनात्मक तौर पर भी हमें मजबूत बनाता है हमारी इच्छा शक्ति को प्रभावशाली बनाने का कार्य भी इन्हीं के द्वारा होता है। जबकि व्यायाम हमें शारीरिक तौर पर मजबूत बनाते हैं लेकिन मानसिक तौर पर मजबूती का कार्य योगासनों द्वारा होता है क्योंकि योगासन सांसो की क्रिया के साथ किए जाते हैं और सांसो के नियंत्रण के द्वारा ही मानसिक मजबूती मिलती है
- आसनों के माध्यम से हम कई व्याधियों को दूर कर सकते हैं जैसे अस्थमा, मधुमेह, कब्ज, एसिडिटी, उच्च रक्तचाप, निम्न रक्तचाप , श्वास से संबंधित रोग और हृदय से संबंधित रोग इत्यादि रोगों को हम आसनों के अभ्यास से दूर कर सकते हैं। जबकि व्यायाम से ऐसा संभव नहीं है।
- योगासनों में कुछ आसन गतिशील होते हैं लेकिन अधिकतर आसनों को एक जगह पर स्थिर होकर श्वास और प्रश्वास की क्रिया के साथ किया जाता है अर्थात योगासनों में सांसो का संतुलन आवश्यक है। जबकि व्यायाम का अभ्यास गतिशीलता के साथ किया जाता है।
- आसनों के माध्यम से संपूर्ण शरीर की मांसपेशियों पर गहरा प्रभाव पड़ता है जिससे की सभी मांसपेशियां सुचारू रूप से अपना कार्य करने लगती है। लेकिन व्यायाम करने पर मांसपेशियाँ थक जाती है।
- आसनों के माध्यम से रोगी की चिकित्सा भी की जाती है। लेकिन व्यायाम से यह सम्भव नहीं है ।
- योगासनों से ऊर्जा में वृद्धि होती है शरीर थकता नहीं है बल्कि शरीर में ताजगी और स्फूर्ति का आभास होता है। जबकि व्यायाम करते समय अधिक ऊर्जा खर्च होती है एवं शरीर थकने लगता है।
- योगासन करते समय ध्यान किसी बिंदु पर केंद्रित रहता है जिससे कि शारीरिक एवं मानसिक स्थिरता आती है। जबकि व्यायाम करते समय ऐसा नहीं होता है।
- योगासनों का अभ्यास हर उम्र के व्यक्ति कर सकते हैं अर्थात अधिक उम्र के लोग भी इसका अभ्यास कर सकते हैं क्योंकि इसमें अधिक उर्जा व्यय नहीं होता है। लेकिन व्यायाम का अभ्यास अधिक उम्र के लोग नहीं कर पाते क्योंकि इसमें अधिक उर्जा का व्यय होता है और श्वास- प्रश्वास की क्रिया भी तेज होती है जिससे की थकावट होने लगती है।