उत्तराखंड में प्रमुख पर्यटन स्थल l Tourist Places in Uttarakhand Hindi

उत्तराखंड में प्रमुख पर्यटन स्थल : – उत्तराखंड दुनिया के सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है, जिसकी अपनी एक विशिष्ट पहचान है। लेकिन यहां की संस्कृति,सभ्यता उसे अन्य देशों से अलग बनाती है। यह ऋषि-मुनियों की भूमि है, यहां पर बहुत सारे धार्मिक एवं आध्यात्मिक स्थान भी है जो विश्व विख्यात है। उत्तराखंड के ऊंचे ऊंचे पर्वत, हरे भरे बुग्याल, लंबी लंबी नदियां, हरी-भरी वादियां और सर्दियों में बर्फ की मखमली चादर ओढ़े पहाड़ सैलानियों का मन मोह लेती है।

विश्व भर के सैलानी चाहे वह आध्यात्मिक उद्देश्य से हो या फिर घूमने फिरने की चाह से आये हो, एक बार उत्तराखंड जरूर आते हैं और यहां की वादियों का हरे-भरे मैदानों का और मनमोहक पहाड़ियों एवं धार्मिक स्थलों का भ्रमण जरूर करते हैं। इसीलिए उत्तराखंड में प्रतिवर्ष लाखों – लोग घूमने के लिए आते हैं ।

उत्तराखंड पर्यटन के लिए विश्व प्रसिद्ध है यहां प्रमुख रूप से गंगा ,यमुना, अलकनंदा और काली नदी बहती है। इस राज्य में विभिन्न प्रकार के धार्मिक एवं आध्यात्मिक स्थल हैं। आइए जानते हैं उत्तराखंड के ऐसे स्थानों के बारे में जहां प्रतिवर्ष लाखों लोग आते हैं। 

उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थल

ऋषिकेश

आध्यात्मिक दृष्टि से ऋषिकेश का प्रमुख स्थान है। यहां पर कई ऋषि-मुनियों ने तपस्या की है। यह ऋषियों और महात्माओं की भूमि मानी जाती है। गंगा नदी के तट पर बसे इस नगर की विश्व भर में बहुत बड़ी पहचान है। शांति की खोज में लाखों-करोड़ों लोग इस स्थान पर आकर आश्रमों में रहते हैं। योग एवं ध्यान के जरिए खुद को अध्यात्म से जोड़कर मानसिक शांति का अनुभव प्राप्त करते हैं।

यहां के दो प्रसिद्ध झूले हैं जिन्हें राम झूला और लक्ष्मण झूला के नाम से जाना जाता है और वर्तमान समय में यहां पर तीसरे झूले का भी निर्माण हो चुका है। जिसे जानकी सेतु पुल कहते हैं। राम झूला के नजदीक स्वामी शिवानंद की तपस्थली है, यहां पर स्वामी शिवानंद जी ने गहरी तपस्या की थी। उनके द्वारा निर्मित शिवानंद आश्रम जिसे डिवाइन लाइफ सोसायटी के नाम से जाना जाता है।

वहीं गंगा को पार करते ही पास में श्री महर्षि महेश योगी की साधना स्थली है। उनके द्वारा निर्मित चौरासी कुटिया स्थित है, जिसके दर्शन करने के लिए सैलानी प्रतिवर्ष यहाँ आते हैं। गंगा नदी के ठीक किनारे स्थित है यहां पर लोग विशेष तौर पर विदेशी लोग योग की शिक्षा ग्रहण करने आते हैं यहां पर त्रयंबकेश्वर मंदिर भूतनाथ मंदिर और मधुबन आश्रम है।

वही लक्ष्मण झूला के ठीक पास में लक्ष्मण जी का साधना स्थल तपोवन स्थित है कहा जाता है कि यहां पर लक्ष्मण जी ने तपस्या की थी। वही पास में ही परमार्थ निकेतन है जहां पर रोज शाम को गंगा जी की आरती होती है ऋषिकेश और वशिष्ट गुफा एवं वशिष्ट कुंड आदि भी हैं ।  कुछ किलोमीटर की दूरी पर नीर गड्डू और पटना नामक वाटरफॉल है, जहां गर्मियों में सैलानियों की भीड़ लगी रहती है।

ऋषिकेश से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर शंभू-निशंभू नामक पर्वत पर भगवान शिव का मंदिर नीलकंठ महादेव स्थित है इस मंदिर में दर्शन के लिए रोजाना लोग आते हैं। यह मंदिर प्राचीन काल से हैं यहां दर्शन के लिए प्रतिदिन लोग आते हैं ।  

चमोली

इस जिले में फूलों की घाटी है जो विश्व प्रसिद्ध है यह घाटी  87 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है और इसमें फूलों की 500 से अधिक प्रजातियां है । यह स्थल विश्व धरोहर में भी शामिल है । चारधाम यात्रा के लिए प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम भी यही पड़ता । अलकनंदा नदी का उद्गम स्थल अलकापुरी ग्लेशियर भी यही है । साथ ही विष्णुप्रयाग, नंदप्रयाग और कर्णप्रयाग नामक स्थान हैं चमोली जिले में चोपता और औली नामक दो प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है औली जो कि स्कींइग खेल का बड़ा केंद्र है और चोपता की मनमोहक घाटियां सैलानियों को आकर्षित करती है यहां पर काफी बर्फबारी होती है। यहां औली बुग्यालबुग्याल, क्वारी पास बुग्याल, कैला बुग्याल, घस्तौली बुग्याल, रुद्रनाथ बुग्याल, रूपकुंड बुग्याल आदि है हैं। 

उत्तरकाशी

भागीरथी नदी के तट पर बसा है धार्मिक दृष्टि से उत्तरकाशी का विशेष स्थान है । प्रसिद्ध यमुनोत्री, गंगोत्री धाम यही स्थित है और यहां की प्राकृतिक सुंदरता एवं पहाड़ियों के बीच कल कल बहती हुई नदियां मन को मोहित करती है । यहां का मुख्य आकर्षण ऊंची ऊंची पहाड़ियां एवं पर्वतारोहण भी है ।

जिसमें हर की दून गोमुख और डोडीताल प्रमुख है । भगवान विश्वनाथ का प्राचीन मंदिर भी उत्तरकाशी में है। वही नचिकेता ताल , सात ताल , दयारा बुग्याल, नंदवन केदार कांठा बुग्याल, मानेक बुग्याल, केदार खर्क, ताल बुग्याल , सूर्य कुंड ,पांडव गुफा ,भैरवनाथ मंदिर ,मार्कंडेय मंदिर , कल्प केदार मंदिर ,सुखी टॉप , मंदाकिनी वाटरफॉल ,भीम नदी वाटरफॉल ,खेड़ी वाटरफॉल इत्यादि हैं।

उत्तरकाशी में प्रमुख रूप से गंगोत्री ग्लेशियर से निकलने वाली भागीरथी नदी बहती है लेकिन भागीरथी नदियों की सहायक नदियों में रुद्र गंगा, केदार गंगा, जहान्वी सिया गंगा, असी गंगा इत्यादि हैं। यहां पर कृषि भी की जाती है यहा के लोग फलों में सेव की खेती मुख्य रूप से करते हैं। 

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