टोक्यो ओलंपिक में भाला फेंक (जैवलिन थ्रो) प्रतियोगिता में भारत की और से स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर सन 1997 में पानीपत हुआ। इनकी माँ का नाम सरोज देवी और पिताजी का नाम सतीश कुमार है। इनके पिता एक किसान है और माता गृहणी है। इन की उम्र अभी 23 साल है और मेहज 23 साल की उम्र में इन्होंने भाला फेंक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में लिख दिया है।
यह कुल 5 भाई है और इनमें नीरज सबसे बड़े भाई है। जैवलिन थ्रो में इनको मेहज 14 साल की उम्र में रुचि उत्पन हो गयी थी। नीरज का जैवलिन में श्रेष्ठ प्रदर्शन के कारण भारतीय आर्मी ने उनको सेना में शामिल कर दिया । वह इस समय सेना में भी एक JCO के पद पर है।
नीरज चोपड़ा
नाम | नीरज चौपड़ा |
जन्म | 24 दिसंबर सन 1997 |
माता का नाम | सरोज देवी |
पिता का नाम | सतीश कुमार |
गांव का नाम | खांद्रा पानीात हरियाणा |
खेल से सम्बंधित | भला फेंक |
शिक्षा | स्नातक |
कोच | उवे हान |
धर्म | हिन्दू (मराठा) |
स्वर्ण पदक विजेता | भला फेंक |
सन | 7 अगस्त 2021 |
नीरज चोपड़ा की शिक्षा
नीरज चौपड़ा जी ने अपनी प्राम्भिक शिक्षा हरियाणा से की है। इन्होंने स्नातक में BBA की उपाधि प्राप्त की है
नीरज चौपड़ा के कोच
इनके कोच का नाम उवे हान है और वह जर्मनी से है। उवे जर्मनी से जैवलिन में एक एथलीट रहे है। उवे ही नीरज को ट्रेनिग दे रहे है और उनके प्रदर्शन को उम्दा बना रहे है।।
नीरज चौपड़ा की भाला फेंक (जैवलिन) में करियर की शुरुवात
नीरज ने जैवलिन में सुरुवात पानीपत से की थी। सुरुवात में फिटनेस को ठीक करने के लिए पानीपत के स्टेडियम जाते थे। कुछ लोगों के कहने पर उन्होंने वहां पर जैवलिन में हाथ आजमाया और उनका थ्रो बहुत सही निकला फिर कोच ने कहाँ की उनको जेवलिन में आगे बढ़ना चाहिए और वही से इनका ये सफर सुरु हो गया।
जेवलिन में कुछ बेहतर करने के लिए नीरज पंचकूला शिफ्ट हुए और पहली बार उनका सामना वहाँ पर राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों से हुआ। वहां पर उनको जेवलिन में बेहतर सुविधाएं मिलने लगी।
जब वह राष्ट्रीय स्तर पर खेलने लगे तब उन्हें खराब क्वालिटी वाली जेवलिन की जगह अच्छी क्वालिटी की जेवलिन मिलने लगी जिससे उनके खेल में बदलाव आने लगा।
नीरज चोपड़ा की (भाला फेंक) जैवलिन में उपलब्धि
- सन्न 2021 में टोक्यो ओलंपिक में 87.58 मीटर भाला फेंक कर स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
- सन 2016 में इन्होंने पोलेंड में आयोजित आईएएएफ (IAAF) में एक उपलब्धि हासिल की। जिसमे इन्होंने एक विश्व जूनियर रिकार्ड बनाया।
- दक्षिण एशियाई खेलों में सन 2016 में भारतीय राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए 82 .23 मीटर तक भाला फेंक कर स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
- सन 2017 में इन्होंने एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 85.23 मीटर तक भाला फेंक कर स्वर्ण पदक प्राप्त किया।