गिलोय क्या है? | What is giloy Hindi?
गिलोय एक प्रकार की प्राकृतिक औषधि है आयुर्वेद शास्त्र में ऐसे कई प्रकार के नामों से संबोधित जाता है अमृता, गुडुची, चक्रांगी आदि । यह अमृत के समान गुणकारी होता है इसीलिए इसको अमृता कहा गया है।
यह अधिकतर घने जंगलों में और चट्टानों में पाई जाती है और यह पेड़ पर लिपटी रहती है। और यह कभी सूखती नहीं है। जिस वृक्ष पर यह गिलोय लिपटी रहती है उस वृक्ष के गुण भी गिलोय में आ जाते हैं। इसलिए यदि गिलोय नीम और आम के वृक्ष पर लिपटी हो तो इन दोनों के गुण भी गिलोय में आ जाते हैं।
नीम के पेड़ पर लिपटी हुई गिलोय अत्यधिक गुणकारी मानी जाती है गिलोय के पत्ते पान की तरह होते हैं और स्वाद में कड़वी एवं तीखे होते हैं गिलोय के फल मटर के दाने के आकार की लाल और पीले रंग के होते हैं वैज्ञानिक भाषा में गिलोय को टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया (Tinospora cordifolia) नाम से जाना जाता है।
गिलोय का उपयोग कैसे करें? | How to Use Giloy Hindi?
- गिलोय का इस्तेमाल (प्रयोग) कुछ इस प्रकार से किया जाता है
- गिलोय को धोकर और उसके बाहर के रेशों को साफ करके कच्चा धोकर खाते हैं।
- गिलोय को छोटे टुकड़ों में काटकर उन्हें पका कर इसके रस का सेवन किया जाता है।
- गिलोय को छोटे टुकड़ों में काटकर सुखाया जाता है अच्छी तरह से सुखाने के बाद इसको पीसा जाता है और इसका बारीक चूर्ण बनाकर बाद में इसको पानी के साथ घोल कर पीने के लिए इस्तेमाल करते हैं ।
- गिलोय के रस में शहद मिलाकर इसका सेवन करते हैं।
गिलोय के फायदे (लाभ) | Benefits of Giloy Hindi
डायबिटीज में गिलोय का लाभ
गिलोय रक्त में शुगर के स्तर को कम करती है और इंसुलिन नामक हार्मोन जिसे पैंक्रियास स्रावित करता है। उसे बढ़ाता है एवं बड़े हुए रक्तचाप को कम करने का कार्य करती है।
सेवन – डायबिटीज में गिलोय का सेवन कुछ इस प्रकार से कर सकते हैं।
• गिलोय के 20 ml रस में आधा कप पानी मिलाकर सुबह और शाम को सेवन करें।
• गिलोय के 10ml चूर्ण को एक कप पानी के साथ मिलाकर सुबह और शाम को इसका सेवन करें।
डेंगू रोग में गिलोय का लाभ
डेंगू होने पर प्लेटलेट्स कम होने लगती है , गिलोय प्लेटलेट को बढ़ाती है।
सेवन – गिलोय को साफ धोकर गरम पानी में उबालकर उसके रस को अलग निकाल ले और फिर उस रस को छान लें, छाने हुए रस से को ठंडा करके एक कप सुबह और एक कप शाम को पीने के लिए इस्तेमाल करें। यदि यह कड़वा लगे तो इसमें दो चम्मच शहद की मिला लें।
कब्ज रोग में गिलोय का लाभ
कब्ज रोगों में भी गिलोय का इस्तेमाल किया जाता है इस रोग में गुड़ के साथ गिलोय का सेवन करने पर काफी लाभ मिलता है।
इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक गिलोय का सेवन इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो रोगों से लड़ते हैं । यह रक्त को शुद्ध करती है, किडनी से विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर करती है, प्रतिदिन गिलोय के सेवन से शरीर में रोगों का अभाव हो जाता है।
पाचन तंत्र के लिए गिलोय का लाभ
गिलोय पाचन तंत्र को तंदुरुस्त करने का कार्य करता है तथा पाचन क्रिया को बढ़ाता है।
खाँसी – खांसी होने पर गिलोय का काढ़ा बनाकर उसमें दो चम्मच शहद मिलाकर सुबह और शाम को इस्तेमाल करें।
अन्य रोगों में गिलोय का उपयोग
लिवर के लिए भी गिलोय लाभकारी है इस प्रकार खांसी ,जुकाम ,बुखार, पीलिया ,टाइफाइड ,मलेरिया, गठिया, अस्थमा ,अपच, मोटापा, उच्च रक्तचाप टीबी, मूत्र रोग आदि रोगों में गिलोय का उपयोग किया जाता है।
काढा के रूप में भी गिलोय का इस्तेमाल किया जाता है गिलोय के साथ शतावरी,अश्वगंधा,नीम आदि का उपयोग किया जा सकता है ।
गिलोय के सेवन से होने वाले नुकसान –
यदि किसी का रक्तचाप कम है तो वे व्यक्ति गिलोय का सेवन न करें, क्योंकि गिलोय रक्तचाप को कम करने का कार्य करता है।
नोट : गिलोय का उपयोग आवश्यकता से अधिक न करें इसका उपयोग सीमित मात्रा में ही करें , नियमित रूप से आप गिलोय का सेवन कर सकते हैं किंतु मात्रा कम रखें।