थाइराइड क्या है?
थायराइड थायराइड ग्रंथि में असंतुलन पैदा होने के कारण होता है । यह दो तरह का होता है। हाइपर और हाइपर थायराइड । इसमें गले में सूजन या भारीपन हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।
हाइपोथाइरॉएड कैसे होता है?
शरीर में टी एस एच अधिक और T3 t4 कम हो जाने के कारण हाइपोथाइरॉएड होता है। इससे जोड़ों में दर्द की समस्या होती है। इससे बालों का तथा त्वचा की समस्या होती है। थायराइड के कारण पीरियड में पेट दर्द की समस्या होती है और समय पर पीरियड नहीं होते । यह मोटापा बढ़ाने में भी सहायक है। इसे गलगंड कहते हैं । यह किसी भी उम्र में हो सकता है।
थायराइड के लक्षण क्या है?
- लगातार मोटापा बढ़ना।
- थोड़ा सा चलने में भी सांस फूलना ।
- गले में सूजन उत्पन्न होना।
- ज्यादातर बालों का झड़ना।
- पीरियड समय पर ना होना ।
- खाने का स्वादहीन होना।
- थकावट महसूस होना ।
- गले में अक्सर दर्द रहना ।
- त्वचा सूखी रहना ।
- आवाज में भारीपन होना ।
- पलके सूजी रहना ।
- होंठ लटके रहना ।
- अत्यधिक कब्ज की समस्या होना ।
- भूख ना लगना ।
- जोड़ों में दर्द रहना ।
- पीरियड के कारण पेट में दर्द होना ।
- आलस्य चिड़चिड़ापन।
थायराइड के कारण क्या है?
1.आयोडीन की कमी के कारण ।
2.गरिष्ठ भोजन का इस्तेमाल करने के कारण।
3.अनुचित दिनचर्या के कारण ।
4.खान-पान में ध्यान न देने के कारण।
5.थायराइड ग्रंथि में असंतुलन पैदा होने के कारण ।
7.चयापचय की गड़बड़ी के कारण ।
9.अत्यधिक मैदा युक्त पदार्थ लेने के कारण।
10.ज्यादा तले भुने पदार्थ खाने के कारण।
11.तेल मसाला अत्यधिक लेने के कारण।
12.व्यायाम की कमी के कारण ।
13.अत्यधिक मोटापे के कारण ।
14.शरीर में आंतरिक विष बढ़ जाने के कारण 15.अंतः स्रावी ग्रंथियों में असंतुलन पैदा होने के कारण होता है।
थायराइड के लिए आचरण संबंधी नियम क्या है
नियमित रूप से व्यायाम करें । स्वच्छ आहार संतुलित भोजन ग्रहण करें। ज्यादा तले भुने पदार्थ ना खाए। नशीले पदार्थों का सेवन न करें । खानपान पर विशेष ध्यान दें। समय पर उठे। अपने दिन की शुरुआत गर्म पानी से करें । शरीर में मोटापा ना बढ़ने दे।
थायराइड का उपचार क्या है?
थायराइड उपचार के लिए आप निचे कुछ यौगिक क्रियाएं बतायी जा रही उनको नियमित रूप से करे।
थायराइड के लिए कौन कौन से आसन करने चाहिए
ऐसा आसन करें जो आपके थायराइड को संतुलन में करें। जैसे -मत्स्यासन,
उष्ट्रासन,
पवनमुक्तासन,
,सूर्य नमस्कार,
भुजंगासन,
विपरीत करनी ,मुद्रा ,यदि संभव हो तो सर्वांगास, संभव हो तो पीछे झुकने वाले सभी आसन, सिंहासन अवश्य करने चाहिए।
थायराइड के लिए कौन कौन से प्राणायाम करे
थायराइड का रोगी कोई भी प्राणायाम आसानी से कर सकता है। निम्न प्राणायाम करें जैसे – उज्जाई ,नाड़ी शोधन , भ्रामरी,उद्गीथ प्राणायाम ,ध्यान ,अवश्य करे।
थायराइड के लिए कैसा आहार (भोजन) करें
संतुलित भोजन करें ,गरिष्ठ पदार्थों का सेवन न करें। जैसे- पूरी ,छोले ,भटूरे ,समोसे, टिक्की ,मैदा युक्त पदार्थों का सेवन न करें । जैसे- चाऊमीन ,मोमोज, स्प्रिंग रोल ,मोटी दालों का प्रयोग ना करें । जैसे- राजमा ,उड़द ,दूध से बने पदार्थों का सेवन कम करें। शरीर में गैस ना बनने दें। ताजी फल और सब्जियां का ही इस्तेमाल करें।