भारतीय संस्कृति के पीछे दिलचस्प विज्ञान के रहस्य

आज हम आपको बतायेंगे 11 भारतीय परम्पराओ के बारे में, जिन्हे ध्यान से समझने के बाद में समझ आता है कि कैसे इनमें साइस के रहस्य छुपे हुये है । भारतीय परम्परा में प्रत्येक बात का अपना ही अलग महत्व है । जिसे समझने में लोग चूक कर जाते है । हमारी परम्परा काफी प्राचीन समय से चली आ रही है जो वेदो ओर पुराणो पर आधारित है और प्रत्येक परम्परा के पीछे कोई ना कोई विज्ञान का रहस्य छुपा है । जिसे हमारे स्वस्थ जीवन की कामना के लिये हमारी दिनचर्या में जोडा गया था। लेकिन समय के साथ हमारे विचारो में बदलाव आये । जिस कारण हमने इन बातो के रहस्य को समझना छोड दिया । आज हम आपको बतायेगे कि कैसे भारतीय रीती रीवाज विज्ञान से जुडे है ।

चोटी पुरुषो के सिर पर क्यों रखी जाती है

पुरुषो के सिर पर सिखा बांधने का रिवाज बहुत पुराना है । भारतीय ऋषि सुश्रुत के द्धारा बताया गया है कि सहस्त्रार चक्र यानि की सिर की चोटी के भाग वाला हिस्सा जिसे सहस्त्रार चक्र भी कहते है । इनके अनुसार यह हमारे शरीर की सारी नसो का मूल स्थान है । जहां पर सारी नसो का मिलन होता है । चोटी हमे सहस्त्रार चक्र को जागृत करने तथा मस्तिक का संतुलन बनाने में हमारी मदद करती है । भौतिक विज्ञान के अनुसार इससे हमारी बुद्धि , मन और शरीर पर नियन्त्रण बना रहता है। विज्ञान भी इस बात को मान चुका है कि सुषुम्ना नाडी हमारे शरीर के चोमुखी विकास के लिये महत्वपर्ण भूमिका निभाती है। जिसका स्थान सहस्त्रार चक्र यानि की चोटी वाले स्थान में है ।
अगर आप ने ध्यान से देखा होगा ज्याद तर लोग चोटी को गाय के खुर की तरह बनाते है क्योकि सहस्त्रार चक्र का आकार भी गाय के खुर के बराबर ही होता है । यह हमे बुरे प्रभाव से बचाती है और हमे सकारात्मक विचारो को ग्रहण करने में मदद करती है।

व्रत का महत्व

भारतीय लोग व्रत क्यों करते है। हमारे शरीर के अंग 24 घंटे काम करते रहते है। ओर लगातार तब तक काम करते रहते है जब तक मनुष्य जीवित रहता है। लेकिन ये सारे अंग लगातार सही तरीके से काम करते रहे इसके लिये क्या किया जाये । क्योकि लगातार भोजन ग्रहण करने से हमारा पाचन तंत्र इसे पचा नही पाता है और कुछ खतरनाक टॉक्सिक पदार्थ उत्पन हो जाते है। और हमारे शरीर में बिमारियो को पैदा करने लग जाते है।
इसलिये भारतीय पंरम्परा मे व्रत की बात कही गयी है। सप्ताह में एक दिन व्रत करने से हमारे पाचन तंत्र को समय मिल जाता है जिससे पाचन से संम्बन्धित रोग छु मतर हो जाते है। व्रत करने से कैसर , डायबिटिज जैसी खतरनाक बिमारिया भी दूर भागती है । विज्ञान और डाक्टर भी इस बात से सहमत है और यदि सामर्थ्य है तो व्रत करने की सालह भी देते है।

सूर्य को जल देना

जैसे की हिन्दु धर्म के अनुसार सूर्य को प्रातःकाल तांबे के बर्तन से जल चढाया जाता है। जिससे हमारी आंखो को काफी फायदा होता है । क्योकि सूर्य को जल चढाते समय हमारी आंखो को जो रोशनी मिलती है। वह हमारी आंखो के लिये काफी फायदेमंद होती है।

सूर्य नमस्कार का महत्व

हिन्दू धर्म के अनुसार हमे प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिये और सूर्य नमस्कार करना चाहिये । क्योकि प्रात जल्दी उठने से हमारे मस्तिक में एकग्रता बढती है और हम दिन भर के लिये योजना तैयार कर सकते है । दिन की सुरुआत सूर्य नमस्कार के तेरह मंत्रो का विधिपूर्वक अभ्यास करने से हमारे शरीर का सम्पूर्ण योगाभ्यास हो जाता है । हमें शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है जिससे हमारा तन और मन स्वस्थ रहता है।

चरण स्पर्श क्यों किया जाता है

हिन्दु धर्म के अनुसार सभी छोटे अपने बडो को चरण स्पर्श कर प्रणाम करते है जिसके बदले मे बडे हमारे सिर पर हाथ रख कर छोटो को आशीर्वाद देते है। इससे एक तरह की सकारात्मक हवा और विचारो का प्रभाव बढ जाता है। जिसका प्रभाव हमारे शरीर औैर मन पर पडता है। और हम आसानी से इस ऊर्जा को ग्रहण कर लेते है । दुसरो से आद्यत्मिक ऊर्जा को ग्रहण करने का यह तरीका भी है जिसका शास्त्रों में वर्णन किया गया है ।

भारतीय महिलाएं हाथों में चूड़ियां क्यों पहनती है

महिलाओ को हाथो में चुडिया पहनने से उन्हे कही तरह की बिमारियो से मुक्ति मिल जाती है। क्योकि हमारे हाथो की कलाइयो में ही हमारे दिल की धडकन को जाचा जाता है । चूडियो और हाथ के घर्षण के कारण उच्च रक्तचाप में काफी मदद मिलती है । जिससे काफी स्वास्थ्य लाभ होता है ।

विवाहित महिलाएं अपनी मांग में क्यों सिंदूर भरती है

वैसे तो भारतीय महिलाये अपने पति की लम्बी उम्र के लिये मांग मे सिंदूर भरती है । लेकिन सिंदूर को मांग मे भरवाना उनके शादीशुदा जीवन से सम्बन्धित है। सिंदूर को बनाते समय इसमें टर्मेरिक लाइम तथा पारा मिलाया जाता है। इससे तनाव दूर भागता है । ललाट के मध्य से लगाना चाहिये ।

नाक और कान क्यो छिदवाते है

भारत मे स्त्री और पुरुष दोनो नाक और कान छिदवाते है । भले ही समय के साथ पुरुषो में ये प्रथा समाप्त हो रही है। इस सारी प्रक्रिया का संबध हमारे स्वास्थ्य लाभ से जुडा है। इस सब का प्रभाव हमारे दिमाग की सोचने की प्रक्रिया पर पडता है क्योकि हमारे कान तथा नाक की नसे सीधे हमारे मस्तिक से जुडी है। इससे उन पर दबाव पडता है और हमारे दिमाग में एकाग्रता ओर रक्त संचार बढता है।

मंदिर में परिक्रमा क्यों करते है

मंदिरो में सकारात्मक ऊर्जा का स्त्रोत होता है । क्योकि मंदिरो को वास्तु विज्ञान के हिसाब से बनाया जाता है । इसके पीछे ट्रेंगल साइंस होती है और यहां पर चुम्बकीय ऊर्जा का वास होता है। इस बात को नाशा के वैज्ञानिक भी सिद्ध कर चुके है । मंदिरो में बर्तन घटिया , कलश आदि तांबे के बने होते है। तांबा सकारात्मक ऊर्जा का स्त्रोत है और सकारात्मक ऊर्जा को अपनी और आकर्षित करता है।
जब हम मंदिर के चारो तरफ परिक्रमा करते है तो हम एक शक्ति पुंज के चारो और घुम रहे होते है तो यह ऊर्जा धीरे धीरे हमारे अन्दर सकारात्मक प्रभाव लेकर आती है।

हवन क्यों करते है

भारतीय संस्कृति के हिसाब से हमे रोज हवन करना चाहिये। हवन मे जब हम जो तिल और घी को अग्नि में डालते है तो वातावरण में आक्सीजन का संचार बढता है । वातावरण में पनप रहे खतरनाक वाइरस खत्म हो जाते है। और आसपास के वातावरण में आक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है अगले १ माह तक इस स्थान आक्सीजन शुद्ध रहती है । यह बात भी वैज्ञानिक अपने प्रामाणित कर चुके है ।

दीपक क्यों जलाते है

भारतीय सभ्यता के हिसाब से हमे रोज अपने घर पर घी का दीपक जलाते है । धी का दीपक जलाने से वातावरण में आक्सीजन की मात्रा में बढोतरी होती है। और हमे शुद्ध हवा लेने में आसानी रहती है । आसपास सकारात्मक ऊर्जा की वृद्धि होती है ।

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